रेनू भाभी की चुदाई

मेरा नाम अजय सिन्हा है.. मैं राँची का रहने वाला हूँ। अभी तो मेरी उमर 29 साल है.. मैं यहाँ अकेले ही रहता हूँ।
मैं इस साईट को दिल से धन्यवाद देता हूँ कि पढ़ने को इतनी अच्छी कहानियाँ मिलती हैं कि दिल बाग़-बाग़ हो जाता है। इस साईट की रसीली कहानियों को पढ़ कर मैंने भी सोचा कि आज से कुछ अपनी भी कहानियाँ लिखूँ।

दोस्तो, मेरा मानना है कि सबके जीवन में कुछ ना कुछ ऐसा होता है जो एक अच्छी कहानी का शक्ल ले सकता है।
मेरी बात अभी से 2 साल पहले की है.. जब मेरा ट्रान्सफर राँची हुआ था। मैंने राँची के अच्छे इलाके में एक घर ले लिया था, वहाँ पड़ोस में 3 परिवार और रहते थे।
मैंने भी रहना शुरू कर दिया.. मेरे घर का डिज़ाइन ऐसा था कि एक परिवार का और मेरा एंट्रेन्स गेट एक की बरामदे से था।
उनकी फैमिली में 3 लोग थे। हज़्बेंड.. उनकी वाइफ.. और 6 साल की बेटी।

मेरे आने के 4-5 दिन बाद उन लोगों से परिचय हुआ।
भाभी का नाम रेनू था।

कुछ दिनों के बाद मैं उनसे घुल-मिल गया.. पर घर आना-जाना लगभग ना के बराबर था। मैं रोज़ ठीक 9 बजे नहाता था.. तो अपना तौलिया सूखने डालने बरामदे में आता था।

एक दिन भाभी भी नहा कर बाहर आई थीं। मैं तो उस दिन उनको देखते ही रह गया.. क्या सुंदर लग रही थीं। गीले बाल.. बालों से उनका क्रीम कलर का सूट भी हल्का गीला हो रहा था। मेरी तो नज़र ही नहीं हट रही थी।

उस दिन भाभी मुस्कुराईं.. तभी मेरा ध्यान टूटा..

भाभी के बारे में आपको बता दूँ कि वो एक क़यामत माल थीं। शादी को 13 साल हो गए थे.. उमर 35 की पर लगती थीं बिल्कुल 28 साल की..
उनकी चूचियाँ 34 इंच की.. लचकती कमर 32 इंच की.. ऊपर की ओर उठे हुए चूतड़ 36 इंच साइज़ के.. मतलब बिल्कुल चोदने लायक माल..

अब तो रोज़ मैं उनको देखता.. वो भी मुझे कभी-कभी देख लेती थीं। मैं तो अपना सुबह-शाम गेट खोल कर ही रखता और उनके बाहर आने का इन्तजार करता रहता कि कब वो आएं और मैं उनकी मदमस्त जवानी का रस लूँ।
ऐसे देखने का सिलसिला 10 दिन तक चला.. अब भाभी भी मुझे देख कर मुस्करा देती थीं और मेरे हाल-चाल पूछ लेती थीं कि सब ठीक है ना?

मैं मन में सोचता कि तुम ठीक रहने दोगी.. तब ना ठीक रहूँगा..

एक दिन उनके पति ऑफिस के काम से बाहर चले गए.. वो भी 15 दिन के लिए..
शाम को भाभी ने बताया कि वो चले गए हैं.. तो मैं खुश हुआ कि चलो अब शायद थोड़ा खुल कर बात हो।

एक दिन शाम को भाभी ने मेरा नंबर माँगा- अजय तुम अपना नंबर दे दो.. कभी कोई ज़रूरत होगी.. तो कॉल करूँगी..
उसी दिन रात को 11 बजे के आस पास किसी का whatsapp पर मैसेज आया- हैलो..!

मैंने प्रोफाइल की फोटो को देखा तो भाभी की थी.. मैंने भी जबाव दिया- हैलो.. और पूछा- अभी तक सोई नहीं हैं?
बोली- मुझे देर से सोने की आदत है।

दोस्तो, whatsapp की प्रोफाइल फोटो में वो क्या मस्त माल लग रही थी.. नाभि से नीचे साड़ी बँधी हुई थी.. आअहह..
मैंने उनकी थोड़ी तारीफ करनी शुरू की- भाभी.. लगता नहीं कि आपकी एक 6 साल की बेटी भी है।
तो उसने पूछा- क्यों?
तो मैंने कह दिया- आप तो 26-28 साल की लगती हैं और आजकल तो इस उमर में शादी ही होती है।
तो उन्होंने कहा- नहीं.. ऐसा नहीं है..
फिर कहा- अच्छा कॉल पर बात करते हैं।
मैंने कहा- ठीक है कॉल कीजिए..

तुरंत भाभी का कॉल आ गया।
भाभी मन ही मन अपनी तारीफ में बहुत खुश थीं। उनके ‘हैलो’ बोलते ही मैंने कहा- भाभी आपकी आवाज़ बहुत प्यारी है.. बिल्कुल आपके जैसे..
तो हंस दी.. बोली- अच्छा बात घुमाओ मत.. बोलो की क्या बोल रहे थे।
मैंने फिर कहा- आप तो 28 की लगती हो..
उसने कहा- अच्छा अजय तुम मेरी असली उम्र का अन्दाजा करो।
मैंने कहा- अधिकतम 30-32 साल..।
तो बोली- नहीं अजय.. मेरी उमर 35 है..

मैं तो दंग रह गया, मैंने कहा- सच में भाभी आप तो खुद को ग़ज़ब का मेनटेन किए हैं।
तो बोली- हाँ.. मुझे अच्छा लगता है.. खुद को मेनटेन करना..

अब बात थोड़ी आगे जाने लगी.. मुझे भी नहीं पता था कि अब बात कितने आगे जाएगी।
मैंने अब तो खुल कर उनकी तारीफ करना शुरू कर दी, शायद वो भी अब बातों में या मुझमें इंटरेस्ट ले रही थीं।
भाभी ने पूछा- सच में मैं 28 की लगती हूँ क्या?
तो मैंने कहा- हाँ जी.. सच में..
वो बहुत खुश हुई.. अब बात करते-करते 12 बज गए थे.. तो वो बोली- चलो ठीक है अजय.. कल सुबह बात करते हैं।
फिर गुड नाइट बोल कर फोन रख दिया।

अब मुझे नींद कहाँ आ रही थी। थोड़ी देर बाद देखा तो अभी भी वो whatsapp पर ऑनलाइन थी।
तो मैंने ‘हैलो’ भेज दिया.. तुरंत उनका जबाव आया- सोए नहीं क्या?
मैंने कहा- नींद ही नहीं आ रही है।
भाभी ने कहा- मुझे भी नहीं आ रही।
मैंने कहा- आओ बाहर बरामदे में बैठते हैं थोड़ी देर..

तो तुरंत तैयार हो गई.. और बोली- चेंज करके आती हूँ।

मैंने कहा- ऐसा क्या पहना है.. जो चेंज की ज़रूरत है?
तो बोली- एक हल्का सा नाईटी है।

मैंने कहा- आ जाइए ना वैसे ही.. मेरा भी आपको वैसे ही देखने का मन कर रहा है।
बोली- अच्छा बदमाश.. अच्छा आती हूँ।
बरामदे में अंधेरा था.. बाहर से हल्की लाइट आ रही थी.. मैं झटपट पहुँच गया। दो मिनट बाद ही उनका गेट खुला और वो बाहर आई।

‘आअहहाहह…’ उनको यूँ देख कर ही मुँह से ‘आहह..’ निकल गया।
जाँघों तक की ही नाईटी थी.. पैर खुले हुए थे.. बिल्कुल गोरे और चिकने पैर। स्लीवलैस नाईटी थी.. जिसे बेबीडाल टाइप फ्रॉक कह सकते हैं.. इसका गला भी काफ़ी खुला हुआ था..
अन्दर का नजारा भी साफ़ दिख रहा था.. उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी हुई थी.. तो उसकी आधी चूचियाँ बाहर दिख रही थीं।

मैं तो बस देखता ही रह गया। मुझे ऐसे देखते हुए कटीले अंदाज में बोली- ऐ.. मिस्टर क्या देख रहे हो.. मुझे कभी देखा नहीं क्या?
मैंने कहा- हाँ.. मैडम आपका ये सेक्सी बदन नहीं देखा था..
तो वो हल्की सी शर्मा गई.. बोली- धत्त..

अब हम दोनों बैठ गए.. बातें होने लगीं, अब बात थोड़ी खुल कर हो रही थी, भाभी ने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैंने कहा- अभी तो नहीं है.. पर जब मैं पुणे में पढ़ाई कर रहा था.. तो वहाँ कई थीं।
बोली- कैसी थीं?

मैं बोला- आपके जैसी तो एक भी नहीं थी.. पर एक ठीक थी.. उसका फिगर भी आपके जैसा तो नहीं था।
भाभी अब पैर पर पैर चढ़ा कर बैठ गई थीं.. जिससे उनके बगल से जाँघें साफ़ दिख रही थीं…
क्या चिकनी जांघ थी यार.. थोड़ी सी पैन्टी भी दिख रही थी।

भाभी- कुछ किया भी था.. कि केवल दोस्ती ही थी?
मैं- सब हुआ था भाभी.. कुछ भी बाकी नहीं रहा था।
मैंने बातों-बातों में उन्हें बताया कि मुझे अपने से बड़ी भाभी या आंटी अच्छी लगती हैं।
उसने पूछा- ऐसा क्यों?
मैंने कहा- उन में एक अलग आकर्षण होता है.. जैसे आप में है।

मैंने बताया कि पुणे में भी एक आंटी से मेरा फिजिकल रिलेशन बन चुका था.. दो साल उसे अच्छी तरह जम कर खिलाया भी था.. जबकि उनकी उमर भी 45 की थी।
वो बोली- तब तो तुम मास्टर हो..

मैंने कहा- ऐसा भी नहीं है.. बस सेक्स के टाइम मैं खुद से ज़्यादा साथी का ख्याल रखता हूँ।
चूंकि अब बात सेक्स पर शुरू हो गई थी.. तो वो भी खुल कर बात कर रही थी।
बोली- जरा खुल कर बताओ कि कैसे ख्याल रखते हो?
मैंने कहा- भाभी अब मुझे लगता है आपको सब खुल कर नहीं खोल कर ही बताना पड़ेगा।

बोली- हाँ.. तो जब इतना हम लोग खुल कर बात कर रहे हैं तो और खुल कर बताओ ना.. मुझे अच्छा लग रहा है।
मैंने कहा- मैं में बहुत टाइम लेता हूँ।
उसने कहा- कितना?
तो मैंने कहा- आराम से करने में 3 घंटा..
बोली- बाप रे.. इतनी देर तक करते हो?

मैंने कहा- इस टाइम में फोरप्ले बहुत करता हूँ। औरतों को 2 या 3 बार तो पहले ही झाड़ देता हूँ।
वो हैरत से बोली- अच्छा..!
अब भाभी आगे झुक कर बैठी थी जिससे उनके चूचे बाहर लटक रहे थे। यार क्या मस्त बोबे दिख रहे थे.. मैं तो ललचाई आँखों से उनको ही देख रहा था।

मैं एक 2 सीटर कुर्सी पर बैठा था, मैंने भाभी से कहा- इसी पर आप भी आ जाओ न.. नहीं तो बात कोई बाहर भी सुनाई पड़ सकती है।
वो आ गई.. फिर बोली- अब बताओ..

मैंने कहा- पहले अच्छे से साथ में बैठ के बातें करते हैं, फिर सीने से देर तक कसके चिपका कर चुम्मियाँ करते हैं।

मैंने अपने इतना पास सेक्सी भाभी को देखा तो मेरा लंड बहुत टाइट हो चला था।

मैंने भी इस वक्त बिना चड्डी के एक हाफ-पैंट पहना हुआ था.. तो मेरा लंड ने हाफ पैन्ट में तंबू सा बनाया हुआ था और मैं लगातार उसे धीरे-धीरे सहला भी रहा था।
भाभी लौड़े की तरफ देख कर बोली- और बताओ.. कि करते कैसे हो?
मैंने कहा- सीने से चिपकाने के बाद मस्त वाली चूमा-चाटी होती है।

अब भाभी भी मेरी बातों से गरम होने लगी थीं। मेरा कंधा उनके कंधे से टकरा रहा था।
अचानक मैंने अपना हाथ भाभी की कमर में डाल दिया, भाभी थोड़ा हिली.. पर बोली कुछ नहीं।

मैं बताता भी जा रहा था और बगल में भाभी के कमर को सहला रहा था।
भाभी थोड़ा काँपते आवाज़ में बोली- और क्या करते हो?
मैंने जरा और जोर से कमर को दबाते हुए कहा- उसके बाद.. पूरी बॉडी की मसाज..
यह कह कर मैंने भाभी की कमर के बगल में थोड़ा दबा भी दिया.. जिससे भाभी के मुँह से ‘आअहह..’ निकला।

अब मैंने भाभी के गले पर अपना होंठ रख दिया जिससे भाभी और गर्म होने लगी।
मैंने भाभी का हाथ अपनी जाँघ पर अपने लंड के करीब रख दिया।
अब मैं भाभी की जाँघ को सहला रहा था और उनके गले पर चुम्मी कर रहा था। फिर धीरे-धीरे मैं भाभी के होंठ की ओर बढ़ रहा था।

आहह.. क्या फीलिंग थी दोस्तो.. अब भाभी के होंठ पर मैंने अपने होंठ रख दिए।
अचानक भाभी ने अपने होंठ खोल दिए और मुझसे कसके किस करने लगी, उनका हाथ नीचे मेरे लंड पर आ गया था.. वो लौड़े को सहला रही थी।

मैंने भाभी के कान में कहा- भाभी, अन्दर चल कर बाकी कहानी बिस्तर पर बताता हूँ।

हम दोनों मेरे कमरे में आ गए। बिस्तर पर बैठा कर मैं भाभी के पीछे आ गया.. पीछे से उनको अपनी बाँहों में ले कर उनके कंधे पर किस करने लगा।
भाभी गरम होकर बोली- और क्या करते हो?
मैंने कहा- अब मुँह से क्या बताना है.. करके ही बताता हूँ.. मेरी प्यारी भाभी..

इसके बाद जरूर पढ़ें  मैंने बुआ को चोदा गर्मियों की छुट्टी में।

‘आअहह.. क्या मज़ा आ रहा था..’ मेरा एक हाथ भाभी के पेट को सहला रहा था.. दूसरा उनकी चूचियों को नाप रहा था।
भाभी पूछने लगीं- कैसी हैं मेरी चूचियाँ?
मैंने कहा- कयामत हैं.. आज तक ऐसी एक भी नहीं मिली.. आपकी चूचियाँ अब तक टाइट हैं।

अब भाभी को आगे झुका कर मैं उनकी पीठ को चूम रहा था, भाभी के पीठ काफ़ी चौड़ी थी.. बहुत मज़ा आ रहा था, भाभी ‘आअहह.. आअहह..’ कर रही थी।
मैंने उनकी नाईटी को खोल दिया, अब उनकी चूचियाँ आज़ाद हो गई थीं।

पीछे से मैं दोनों मम्मों को बेरहमी से मसल रहा था, भाभी सिसकारी ले रही थी, मेरा लंड भाभी की कमर में लग रहा था।
भाभी ने पीछे हाथ करके मेरा लंड पकड़ लिया।

अब मैंने भाभी को लेटा दिया और होंठों को चूसने लगा। भाभी मेरा पूरा साथ दे रही थी। हम दोनों की आपस में जीभ टकरा रही थीं। नीचे मेरे हाथ भाभी की चिकनी जाँघों को मसल रहे थे, आअहह… दोस्तो, सच में हम दोनों जन्नत में थे।

अपने पैर से भाभी के पैरों को रगड़ भी रहा था। अब चुम्मीकरते हुए मैंने अपना हाथ भाभी की बुर पर रख दिया, वो एकदम से मचल गई.. मेरे सिर को जोर से पकड़ लिया।

अब जैसे लग रहा था कि मेरे होंठों को खा ही जाएगी। मैं उसकी मखमली बुर को पूरे हाथ में ले कर मसल रहा था। वो मछली जैसे तड़प रही थी।

अब भाभी को नंगा करके मैं खुद भी नंगा हो गया।
आअहह.. क्या बदन था उसका..!
मुआहह.. भाभी मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी।

मेरा लंड बहुत बड़ा नहीं है.. सिर्फ़ 6 इंच का है.. पर टाइट होने पर उस पर बहुत सी नसें उभर आती हैं.. जिससे वो और भी ख़तरनाक दिखता है।

मैं भाभी का चूत सहला रहा था.. जो बिल्कुल चिकनी थी। अब मैं एक उंगली बुर के अन्दर डाल कर हिलाने लगा जिससे भाभी ने मेरे लंड को और कस के पकड़ लिया।

मैं भाभी का मम्मा भी पी रहा था और साथ नीचे चूत में उंगली भी कर रहा था।
भाभी तो जैसे पागल हो उठी थी.. ज़ोर से ‘आअहह.. अहह..’ कर रही थी।

अब मैं किस करते हुए धीरे-धीरे नीचे की तरफ आने लगा.. उसके पेट पर किस कर रहा था।
जैसे ही मैंने जीभ को उसकी नाभि में घुमाया.. तो भाभी का पेट बुरी तरह से काँप गया। इसी के साथ मैं भाभी की कमर को एक कुत्ते के जैसा चाटने लगा था।

फिर मैंने धीरे से उसकी एक जाँघ पर किस किया.. तो भाभी ने अपनी जाँघ खोल दी, मैं उनकी बुर के आस-पास चाटने लगा था।

अचानक से मैंने चाटना बंद किया तो भाभी इशारे में पूछने लगी- क्या हुआ?
मैंने कहा- मुझे आप आपका पैर चूसना है..

अब मैंने भाभी का एक पैर उठा कर तलवों पर किस किया.. तो भाभी तड़प गई.. मैंने उनका एक अंगूठा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा।
‘आहह.. आहह..’ भाभी ज़ोर-ज़ोर से सीत्कार करने लगी।
दोस्तो, औरतों का अंगूठा भी चूसो तो उसे बहुत मज़ा आता है।

भाभी के दोनों अंगूठों को चूसने के बाद मैं ऊपर की ओर बढ़ने लगा, पूरे पैर को चाटने के बाद मैं भाभी की बुर की तरफ बढ़ा।

जैसे ही भाभी की बुर पर मैंने अपना होंठ रखा.. तो भाभी ने मचल कर मेरा सिर अपनी जाँघों में चूत के ऊपर दबा लिया।
अब मैं बुर को पूरे मुँह में ले कर चूस रहा था।

भाभी की बुर बहुत पानी छोड़ रही थी। मैं हाथ ऊपर करके चूचियों को भी मसल रहा था.. और उधर नीचे बुर पी रहा था। भाभी अब तक अपना पानी छोड़ चुकी थी.. उनका पूरा शरीर अकड़ गया था।

भाभी मेरा हाथ पकड़ कर मेरी एक उंगली मुँह में ले कर चूसने लगी थीं। मैं अभी भी भाभी की बुर पी रहा था। उनकी चूत का पूरा पानी पी जाने के बाद मैंने उनकी ओर देखा.. तो वो मुस्कुरा दीं।
मैंने पूछा- कैसा लगा?
तो बोली- पूछो मत यार.. तुम तो ग़ज़ब करते हो.. कोई भी औरत तुमसे बार-बार चुदवाना चाहेगी.. तुमने तो बिना चोदे ही मुझे चरम पर पहुँचा दिया।
मैंने कहा- अभी पूरा कहाँ किया है। मेरा तो अभी बाकी ही है।

फिर मैंने भाभी को उल्टा लेटा दिया.. अब मैं उनकी कमर को अपने हाथों से मालिश कर रहा था।
भाभी फिर से गरम होने लगी थी। अब मैं भाभी के चूतड़ों को मसल रहा था।
भाभी ‘आहह.. आहह..’ करती जा रही थीं।

मैंने भाभी की गाण्ड को थोड़ा फैला कर देखा.. तो ‘आहह..’ क्या नज़ारा था। हल्की गुलाबी रंगत लिए हुए फूल जैसा छेद.. आह्ह.. जैसे ही मैंने अपनी जीभ छेद पर रखी.. तो वो मचल गई, अपनी गाण्ड को उसने दबा लिया।
थोड़ी देर यूँ ही चाटने के बाद मैंने भाभी को सीधा किया।

अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। मैं फिर से उनकी चूत चूसने लगा.. जिससे चूत में पानी आना फिर शुरू हो गया था। भाभी मेरे लंड को किस कर रही थीं मैंने हल्का सा दबा कर लंड को भाभी के मुँह में डाल दिया.. तो वो मजे से लौड़े को चूसने लगीं।

आख़िर भाभी पुरानी खिलाड़ी थी.. बहुत अच्छे से चूस रही थी, पूरी जीभ अन्दर तक लंड पर फेर रही थी।
मैंने अपनी जीभ भाभी की बुर में डाली तो भाभी मेरा लंड और ज़ोर से चूसने लगी।
‘आआहह..’ मैं सातवें आसमान पर था..

थोड़ी देर चूत चूसने के बाद मैंने कहा- अब भाभी कंट्रोल नहीं हो रहा है।
तो बोली- डाल दो.. मुझे भी नहीं हो रहा है।

‘आहह..’ अब मैं भाभी के ऊपर आ गया, भाभी ने अपने दोनों पैर खोल दिए, मैंने अपना लंड भाभी की चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा.. तो कहने लगी- हाय राजा तड़पाओ मत.. अजय मेरी जान.. पेल दो अपना लंड.. मेरी बुर में..
मैंने एक हल्का धक्का मारा.. तो पूरा लंड सटाक से अन्दर चला गया।
भाभी के मुँह से हल्की ‘आअहह..’ निकली और उसने मुझे कसके अपनी बाँहों में जकड़ लिया।

अब मैं ऊपर चढ़ कर उसे चोदे जा रहा था। नीचे से भाभी अपनी कमर उठा-उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही थी।
करीब 15 मिनट मैं ऊपर चढ़ा रहा और उसको हचक कर चोदता रहा.. कभी तेज़.. कभी हल्के-हल्के.. धक्कों से वो फुल मस्त हो चुकी थी।

क्या बताऊँ दोस्तो.. कि उसकी चुदाई में कितना मज़ा आ रहा था। कुछ देर के बाद मेरी परी जैसे भाभी अकड़ने लगी, उसने अपने पैरों से मुझे कसके जकड़ लिया।
भाभी फिर से अपने चरम पर पहुँच चुकी थी, अब वो कहने लगी- कितनी देर और करोगे?
मैंने कहा- बस भाभी मेरी जान.. अब थोड़ी देर और..

फिर मैंने और तेजी से धक्का लगाना शुरू किए।
‘आहह.. आहह..’ भाभी सीत्कार कर रही थी, उसे बहुत मज़ा आ रहा था, वो मज़े में बोले जा रही थी- और तेज़ अजय.. और तेज़.. तुम सबसे अच्छा चोदते हो.. आहह.. जीवन में इतना मज़ा कभी नहीं आया मुझे.. आह्ह..

मैंने कहा- भाभी मैं आपको हमेशा बहुत मज़ा दूँगा.. जब आप चाहोगी खूब चोदूँगा.. आहह अहह आअहह..
‘हाँ मैं अब तुमसे खूब चुदूंगी.. आह्ह..’
अब मैंने कहा- भाभी अब आप ऊपर आ जाओ..
मैं अब नीचे आ गया और वो ऊपर चढ़ गई, अब भाभी मुझे चोदने लगी।

‘आहह..’ मैं भाभी की चूचियाँ अपने मुँह में लेकर चूसने लगा।
मैं कस कर निप्पल को चूस रहा था।

भाभी तो जैसे पागल हो गई थी, वो ज़ोर-ज़ोर से मुझे चोदने लगी। वो एकदम से अकड़ गई.. भाभी का माल फिर से निकलने वाला था।

अब मैं भी चरम पर पहुँच रहा था। नीचे से मैं भी ज़ोर-ज़ोर से शॉट लगा रहा था ‘आहह.. आआहह.. आहह.. आहह..’

भाभी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी.. मैं भी नीचे से ज़ोर से चुदाई करने लगा, बहुत पानी की वज़ह से बुर से ‘फचाक..’ की आवाज़ आ रही थी.. जो और भी मादक लग रही थी।
‘आआहह.. आहह..’ अचानक भाभी तेजी सी अकड़ने लगी.. उनका पानी निकलने लगा। तो मैंने भी नीचे से अपनी रफ़्तार बढ़ाई.. और ‘आआआहह..’ मेरा भी लंड पानी छोड़ने लगा।

इस बार हम दोनों साथ ही झड़े.. भाभी मेरे सीने पर सिर रख कर लेट गई। हम दोनों को बहुत रिलेक्स महसूस हुआ था। मैंने भाभी का चेहरा हाथों में ले कर उनके सिर पर किस किया और आँखों में देख कर बोला- लव यू जान..
जवाब में उसने भी मेरे सिर पर किस किया और मुस्करा दी।

करीब 20 मिनट तक हम लोग ऐसे ही नंगे एक-दूसरे की बाँहों में पड़े रहे।
मैंने पूछा- कैसा लगा?
तो बोली- तुम रियल मर्द हो.. कैसे औरत को खुश किया जाता है.. तुम जानते हो..

मैंने समय देखा तो सुबह के 5 बज गए थे।
भाभी को मैंने कपड़ा पहनाए.. भाभी बोली- कल शाम को फिर से मिलेंगे..
वे जाने लगीं.. तो मैंने उन्हें किस किया और एक अच्छा आलिंगन भी किया, भाभी फिर अपने घर में चली गईं।

जब सुबह हुई तो आँख बहुत देर से खुली पर भाभी जग चुकी थी। मैं 10 बजे जगा, ऑफिस के लिए भी लेट हो चुका था। तो मैंने casual छुट्टी ले ली।

जब पेपर लेने बाहर निकला तो भाभी नहा धो कर बाहर ही बैठी थी, शायद मेरा इंतज़ार कर रही थी।
मैंने गुड मॉर्निंग बोला तो सिर्फ एक कातिलाना मुस्कान मेरी तरफ उछाल दी रेनू भाभी ने, बोली- फ्रेश हो लो, तो फिर बात करते हैं।
मैंने कहा- जैसी आपकी इच्छा!

मैं अपने रूम में आ गया, फ्रेश होने और नाश्ता करने में 12 बज गए थे। तभी उनका मेसेज आया ‘क्या कर रहे हो?’
मैंने फ़ोन किया- कुछ नहीं, बस रात की यादों में खोया हुआ हूँ।
भाभी- मैं भी कल रात को कभी भूल नहीं सकती हूँ।

मैंने पूछा- कैसा लगा?
भाभी- पूछो मत अजय, आअह्ह… क्या मज़ा दिया तुमने! मैं तो पूरी तरह से मदहोश हो गई थी तुम्हारे आगोश में।
मैंने कहा- आपने भी तो मुझे पागल कर दिया था। क्या मस्त चूचे हैं आपके, चिकनी चूत है और मस्त गांड… आःह्ह्ह ह्ह्ह!
मैंने कहा- भाभी आप पूरी तरह से एक फिट माल हो जो किसी के भी होश उड़ा दे।

तो हँसने लगी, कहा- तुम भी कहाँ कम हो अजय, तुम भी तो पागल कर देते हो अपनी अदाओं से जो उस समय करते हो।
जब मैंने पूछा कि ‘सबसे अच्छा क्या लगा आपको?’ तो बोली- तुम बहुत अच्छा फोरे प्ले करते हो। और उस टाइम खुद पर कंट्रोल रखते हो।

मैंने कहा- तो आज का प्लान बताओ?
बोली- दोपहर के खाने के बाद आती हूँ।
मैंने कहा- अभी आओ न, थोड़ा मन कर रहा है।

तो थोड़ा न नुकुर के बाद मान गई और 5 मिनट में ही आ गई। गुलाबी रंग की साड़ी और स्लीव लेस ब्लाउज गोरे बदन पर जैसे ग़ज़ब ढा रही थी।
पल्लू पेट से थोड़ा हटा हुआ था, नाभि की गहराई मुझे अपने में डूबा देने के लिए जैसे मुझे बुला रही थी।

इसके बाद जरूर पढ़ें  पापा के दोस्त की बीवी को चोदा, उनकी अनुपस्तिथि में

आते ही भाभी को एक कसा आलिंगन किया मैंने और भाभी के गले पर चुम्बन किया।
हम लोग ऐसे ही खड़े रह के बात कर रहे थे, मेरे हाथ भाभी के कमर को सहलाते हुए उनके पहाड़ जैसे चूतड़ों पर चले गए, मैं अपने दोनों हाथों से उनके मस्त मांसल कूल्हों को हल्का हल्का दबा रहा था, उनके एवरेस्ट जैसे चूचे मेरे सीने में दबे हुए थे।
‘आह्हह्ह…’ क्या महसूस हो रहा था, पूछो मत!

भाभी अब हल्का हल्का गर्म होने लगी थी। अब मैंने भाभी के कूल्हों को दबाते हुए अपने होंठ उनके कान के लोब पर रखे तो उनकी सिसकारी निकल गई- आआह्ह्ह्ह!
मैं उनके कान को चूस रहा था, भाभी ने मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझे अपने से और चिपका लिया, मेरा मजबूत लंड उनकी साड़ी के ऊपर से ही बुर पर रगड़ खा रहा था।

अब मैं अपने हाथों से उनकी सेक्सी गांड को मसल रहा था, साथ ही साथ अपने सीने से उनकी पहाड़ जैसे चूचे दबा रहा था, बहुत मज़ा आ रहा था हम दोनों को।

मैंने उनके पल्लू को सीने से नीचे गिरा दिया- आअह्ह आअह्ह्ह आःह्ह्ह… क्या मस्त नज़ारा था अब… ऐसा लग रहा था कि ब्लाउज़ फाड़ के चूची बाहर आ जायेगी।
दोनों चूची दबने से उनका क्लीवेज बहुत सेक्सी दिख रहा था। मैं अपना एक हाथ गांड से हटा के उनके सीने पर रख कर सहलाने लगा।
उनकी सांसें बहुत तेज़ होने लगी थी जिससे चूची ऊपर नीचे हो रही थी, मस्त दिख रही थी ऊपर नीचे होते उनकी चूची।

भाभी जो अब पूरी मस्ती में आ गई थी, मेरे कूल्हे मसल रही थी और अपनी बुर को मेरे लंड से रगड़ रही थी।
अब मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, क्या मखमली अहसास था, उसके निचले होंठ को अपने होंटों के बीच में लेकर चूसने लगा।
मस्त रसीले होंठ…

तभी भाभी ने अपनी जीभ मेरे मुख में डाल दी और मेरी जीभ से अपनी जीभ को रगड़ने लगी।

पूरी तरह से एक दूसरे की बाँहों में हम लोग मदहोश हो चुके थे, बस एक दूसरे के होंठों को चूसे जा रहे थे।
अब मैं अपनी जीभ उनके मुँह में डाल चुका था, भाभी मस्ती से मेरी जीभ को चूस रही थी। मैं उनकी चूची को अपने हाथ में लेकर मसल रहा था।

अब तक मैं ब्लाउज के बटन खोल कर चूची दबा रहा था, 15 मिनट के चुम्बन के बाद भाभी ने मेरे आँखों में देखा, मैंने पीछे हाथ करके भाभी के ब्रा का हुक खोल दिया।
अब उनकी बड़े चूचे मेरे हाथ में थे, मैं एक चूची के निप्पल को हल्का हल्का मसल रहा था जिससे उनके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी, मस्त मादक सिसकारी।

तभी मैं झुक कर एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा। भाभी ने मचल कर मेरे सर को अपनी चूची में दबा लिया।

मैं भी मस्त होकर उनका दुधु पी रहा था, नीचे वो मेरे लंड से खेल रही थी जो बेहद कड़क हो चुका था, मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर मुठ मार रही थी।

अब मैं भाभी के आगे बैठ गया जिससे मेरा मुँह भाभी की बुर के आगे हो गया, भाभी ने मेरा सर साड़ी के ऊपर से ही बुर के पास दबा लिया।
यह उनका इशारा था कि ‘बुर को चूस लो।’
पर मेरा इरादा तो आज दूसरा ही था, मेरी नज़र भाभी के गदराई हुई गांड पर थी जिसे मैंने नीचे बैठ के पीछे से पकड़ा हुआ था।

धीरे धीरे मैंने उनकी साड़ी को ऊपर उठाना शुरू किया।
आःह्ह्ह क्या गोरी टांगें हैं बिल्कुल चिकनी! कल रात कम रोशनी में अच्छे से दिखी नहीं थी।

मैंने अब भाभी को पीछे घुमा दिया, पीछे से उनकी साड़ी ऊपर करने लगा तो पूछने लगी- पीछे क्यूँ हो अजय?
मैंने कहा- आपकी गांड देखनी है भाभी।
वो बोली- पहले बुर चूस कर शांत करो, फिर गांड देखना।
भाभी ने खुद ही मुड़ कर अपनी बुर मेरे मुँह पर लगा दी, मैंने उनका एक पैर अपने बेड पर रख दिया, एक नीचे ही था जिससे उनकी बुर खुल गई और मैंने अपने होंठ भाभी के चूत के होटों पर रख दिए।

भाभी बोली- अजय, तुम्हें बहुत तरीका आता है औरतों को खुश करने का? खा जाओ मेरो चूत को आज!
भाभी बोले जा रही थी और मेरा सर अपने बुर में दबाये जा रही थी।

मैं भी अपनी जीभ से उनकी बुर चाट रहा था।
तभी मैंने उनकी बुर को अपने दोनों हाथों से फैला के जीभ से पिंक वाला अंदर का हिस्सा चाटा तो भाभी ने मेरा सर अचानक से अपनी बुर पर दबा लिया और काफी पानी आया उनकी बुर से, मैंने सब चाट कर साफ़ कर दिया।

अब मैंने भाभी को फिर से पीछे घुमा दिया, अपना गाल उनके कूल्हे से रगड़ रहा था, आगे हाथ करके उनकी बुर को फिर से सहलाने लगा था जिससे वो फिर से गर्म हो जाये, अपने होटों से गांड को किस कर रहा था, भाभी को थोड़ा आगे झुका कर अच्छे से गांड को मसलने लगा।

अब भाभी को भी मज़ा आ रहा था, आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह किये जा रही थी।
मैंने उनके गांड को हल्का फैला के गुलाबी छेद पर ऊँगली रखी तो भाभी ने अपनी गांड थोड़ी सिकोड़ ली जिससे छेद बहुत टाइट हो गया।

मैंने भाभी से कहा- आपकी गांड बहुत सेक्सी है।
तो बोली- कितनी?
मैंने कहा- सबसे अच्छी भाभी, जब गांड हिला कर चलती हो तो जान ले लेती हो। मुझे आज आपकी गांड पेलनी है, जम के गांड मारनी है।
भाभी बोली- मैंने कभी नहीं गांड मरवाई है।
तो मैंने कहा- कैसे भैया ने इतनी सेक्सी गांड छोड़ दी बिना चोदे?

तो भाभी हँसी और कहने लगी- शायद तुम्हारे लिए छोड़ दी हो।
तो मुझे लगा कि हो न हो भाभी के मन में भी गांड मरवाने का विचार है, तभी मैंने कहा- आज आपकी गांड मारता हूँ, चूत बाद में मारूँगा!
भाभी बोली- मुझे भी बहुत दिनों से मन था गांड मरवाने का क्यूँकि मेरी एक सहेली अक्सर गांड मरवाती है, कहती है कि बहुत मज़ा आता है, बिल्कुल शुरू के दिनों की याद आ जाती है।

मैं अपनी एक ऊँगली उनकी गांड के छेद पर रख के अंदर दबाने लगा, छेद बहुत टाइट था।
मैंने कहा- उंगली चूस के गीली करो!
तो भाभी मेरी बीच वाली ऊँगली मुँह में लेकर चूसने लगी, ढेर सारा थूक लगा कर गीली की, मैंने अब छेद पर रख के बढ़ाया अंदर तो थोड़ी अंदर चली गई।

भाभी कसमसाई तो अंदर आधी ऊँगली डाल कर ऊँगली से ही चोदने लगा और हल्का हल्का कर के पूरा ऊँगली डाल दी। अब मैं अच्छे से घुमा रहा था ऊँगली को अंदर ताकि लंड के लिए जगह बन जाये।
‘आह्ह्ह्ह्ह् आह्ह्ह आह्ह्ह…’ भाभी किये जा रही थी।
मैंने पूछा- कैसी फीलिंग है?

बोली- पूछो मत जान, बहुत अच्छा लग रहा है, सच में तुम बहुत अच्छे हो। तुम्हारे जैसा कोई मज़ा नहीं देता होगा किसी को। आजह्ह आह्ह्ह पेल दो अजय मेरी जान, आज अपनी भाभी की गांड फाड़ दो… मार दो देरी प्यासी गांड को… आआह्हह आह्हह्ह लव यू अजय… आह आअह्ह आह्ह्ह्ह!
भाभी पूरी तैयार थी गांड मरवाने का लिए।

भाभी ने खुद ही मुड़ कर अपनी बुर मेरे मुँह पर लगा दी, मैंने उनका एक पैर अपने बेड पर रख दिया, एक नीचे ही था जिससे उनकी बुर खुल गई और मैंने अपने होंठ भाभी के चूत के होटों पर रख दिए।

भाभी बोली- अजय, तुम्हें बहुत तरीका आता है औरतों को खुश करने का? खा जाओ मेरो चूत को आज!
भाभी बोले जा रही थी और मेरा सर अपने बुर में दबाये जा रही थी।

मैं भी अपनी जीभ से उनकी बुर चाट रहा था।
तभी मैंने उनकी बुर को अपने दोनों हाथों से फैला के जीभ से पिंक वाला अंदर का हिस्सा चाटा तो भाभी ने मेरा सर अचानक से अपनी बुर पर दबा लिया और काफी पानी आया उनकी बुर से, मैंने सब चाट कर साफ़ कर दिया।

अब मैंने भाभी को फिर से पीछे घुमा दिया, अपना गाल उनके कूल्हे से रगड़ रहा था, आगे हाथ करके उनकी बुर को फिर से सहलाने लगा था जिससे वो फिर से गर्म हो जाये, अपने होटों से गांड को किस कर रहा था, भाभी को थोड़ा आगे झुका कर अच्छे से गांड को मसलने लगा।

अब भाभी को भी मज़ा आ रहा था, आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह किये जा रही थी।
मैंने उनके गांड को हल्का फैला के गुलाबी छेद पर ऊँगली रखी तो भाभी ने अपनी गांड थोड़ी सिकोड़ ली जिससे छेद बहुत टाइट हो गया।

मैंने भाभी से कहा- आपकी गांड बहुत सेक्सी है।
तो बोली- कितनी?
मैंने कहा- सबसे अच्छी भाभी, जब गांड हिला कर चलती हो तो जान ले लेती हो। मुझे आज आपकी गांड पेलनी है, जम के गांड मारनी है।
भाभी बोली- मैंने कभी नहीं गांड मरवाई है।
तो मैंने कहा- कैसे भैया ने इतनी सेक्सी गांड छोड़ दी बिना चोदे?

तो भाभी हँसी और कहने लगी- शायद तुम्हारे लिए छोड़ दी हो।
तो मुझे लगा कि हो न हो भाभी के मन में भी गांड मरवाने का विचार है, तभी मैंने कहा- आज आपकी गांड मारता हूँ, चूत बाद में मारूँगा!
भाभी बोली- मुझे भी बहुत दिनों से मन था गांड मरवाने का क्यूँकि मेरी एक सहेली अक्सर गांड मरवाती है, कहती है कि बहुत मज़ा आता है, बिल्कुल शुरू के दिनों की याद आ जाती है।

मैं अपनी एक ऊँगली उनकी गांड के छेद पर रख के अंदर दबाने लगा, छेद बहुत टाइट था।
मैंने कहा- उंगली चूस के गीली करो!
तो भाभी मेरी बीच वाली ऊँगली मुँह में लेकर चूसने लगी, ढेर सारा थूक लगा कर गीली की, मैंने अब छेद पर रख के बढ़ाया अंदर तो थोड़ी अंदर चली गई।

भाभी कसमसाई तो अंदर आधी ऊँगली डाल कर ऊँगली से ही चोदने लगा और हल्का हल्का कर के पूरा ऊँगली डाल दी। अब मैं अच्छे से घुमा रहा था ऊँगली को अंदर ताकि लंड के लिए जगह बन जाये।
‘आह्ह्ह्ह्ह् आह्ह्ह आह्ह्ह…’ भाभी किये जा रही थी।
मैंने पूछा- कैसी फीलिंग है?

बोली- पूछो मत जान, बहुत अच्छा लग रहा है, सच में तुम बहुत अच्छे हो। तुम्हारे जैसा कोई मज़ा नहीं देता होगा किसी को। आजह्ह आह्ह्ह पेल दो अजय मेरी जान, आज अपनी भाभी की गांड फाड़ दो… मार दो देरी प्यासी गांड को… आआह्हह आह्हह्ह लव यू अजय… आह आअह्ह आह्ह्ह्ह!
भाभी पूरी तैयार थी गांड मरवाने का लिए।

बोली- पूछो मत जान, बहुत अच्छा लग रहा है, सच में तुम बहुत अच्छे हो। तुम्हारे जैसा कोई मज़ा नहीं देता होगा किसी को। आजह्ह आह्ह्ह पेल दो अजय मेरी जान, आज अपनी भाभी की गांड फाड़ दो… मार दो देरी प्यासी गांड को… आआह्हह आह्हह्ह लव यू अजय… आह आअह्ह आह्ह्ह्ह!

भाभी को मैंने बेड पर झुक दिया, वो बेड पर अपना कोहनी रख कर झुक गई जिससे उनकी गांड ऊपर की ओर हो गई।
‘आह आह आह आह…’ क्या मस्त गांड है इनकी, लग रहा दो बड़े पहाड़ पीछे की और उठे हुए हैं।
अब मैं झुक के उनकी गांड को फैला के गुलाबी छेद को चाटने लगा, साथ में दोनों मांसल कूल्हों को मसलने लगा।

इसके बाद जरूर पढ़ें  तलाकशुदा भाभी की चुदाई नोएडा बाले फ्लैट में

भाभी अब पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी थी।
तभी मैं एक हाथ आगे करके चूत को भी सहलाने लगा, जैसे ही बुर को अपने हाथ में लिया, बुरी तरह से मेरी प्यारी भाभी कांप गई, कहने लगी- अब न तड़पाओ जान, डाल दो प्लीज।
अब मैं खड़ा होकर अपना मोटा लंड भाभी के गांड पर रख के रगड़ने लगा जिससे उनकी बेचैनी और बढ़ गई।

तभी मैंने कहा- यह तो सूखा है, पहले इसे गीला करो।
भाभी ने अचानक से मुड़ के मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप जैसे चूसने लगी, मैं भी उनका सर पकड़ के मुँह में ही पेलने लगा।
‘अहह आह्ह्ह आअह्ह्ह आह्हह्ह…’ भाभी जन्नत की सैर करवा रही थी, मस्त होकर मेरा लौड़ा चूस रही थी पूरी जीभ लगा कर, जब अपने थूक से मेरे लंड को पूरा लाकर दिया तो निकाली और मेरे मोटे लंड के सुपाड़े को फिर से अपने थूक से और गीला किया।

अब भाभी आगे झुक के अपने चूतड़ उठा कर बिल्कुल तैयार थी गांड चुदवाने को।
मैंने भी अपना लंड गांड के छेद पर रखा और एक हाथ से गांड को पकड़ा और एक हाथ से लंड को, थोड़ा दबाया तो भाभी हल्का सा कसमसाई।
फिर एक ज़ोर का झटका दिया अपनी कमर को मैंने तो सुपाड़ा अंदर था अब उस मस्त हसीना के गांड में।
‘आह आः आः आः आहह…’ क्या टाइट गांड है, जैसे ही सुपाड़ा अंदर गया तो हल्का दर्द हुआ उनको, बोली- आराम से अजय… कहीं भागी नहीं जा रही हूँ।

मैंने भी अब ज़ोर नहीं लगाया, उतना ही में गांड को पेलने लगा आहिस्ता आहिस्ता।
जब भाभी को आराम हुआ तो हल्का हल्का चोदने लगा और थोड़ा ज़ोर लगा के थोड़ा सा अंदर कर देता अपने मूसल लंड को।

थोड़ी ही देर के बाद मेरा आधा लंड उनकी गांड में था, अब मैं लंड को आगे पीछे कर रहा था ‘आःह्ह्ह आअह आअह आःह्ह्ह…’ मस्त मज़ा आ रहा था, वो भी मस्त होकर चुदवा रही थी, बोल रही थी- बहुत मस्त करते हो, ज्यादा दर्द भी नहीं हुआ, आःह्ह्ह आःह्ह्ह पेलो अजय जान अपनी भाभी की गांड को। आह्ह आअह्ह अह्ह्ह और अच्छे से पेलो। बहुत मज़ा आ रहा है… पेलते रहो। आज बरसों की इच्छा पूरी हुई है गांड मरवाने की… और ज़ोर लगाओ।

तभी मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा तो और लंड अंदर हो गया। भाभी हल्की सी चीखी पर खुद को रोक लिया।
मैं भी रुक कर उनको आराम देने लगा, अब हल्का हल्का फिर से चुदाई करने लगा।
अब आधा लंड बहार निकालता फिर पेलता, जिससे हम दोनों को बहुत मज़ा आने लगा था। मैं भी पूरे जोश में था तो ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा, भाभी भी मस्त होकर अपने चूतड़ हिला हिला के चुदवाने लगी, ऐसा लग रहा था कि मेरे से ज्यादा मज़ा उन्हें ही आ रहा है।

तभी मैंने आगे हाथ करके उनके बुर में भी उंगली दाल दी।
आआह आह्ह्ह आह्हह्ह…
भाभी की फ़ुद्दी बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी। अपनी बीच वाली ऊँगली पूरी पेल दी बुर में मैंने… गांड में लंड बुर में ऊँगली, भाभी तो जैसे पागल हो गई, लगभग चिल्लाने जैसे कहने लगी- फाड़ दो मेरी गांड को… आःह्ह्ह आःह्ह्ह अजय और तेज़ करो।

तभी मैंने 2 उंगलियाँ डाल दी बुर में।
क्या बताऊँ दोस्तो, आगे बुर में उंगली थी और पीछे गांड में लंड… लंड का हर धक्का बुर में मेरी उंगली पर पूरी तरह से महसूस हो रहा था।
आआह्ह आःह्ह आअह…

भाभी की बुर अब अपनी पूरी रंग में आ चुकी थी, तभी भाभी कहने लगी- मैं अब झड़ने वाली हूँ… आआह्हह आअह्ह आःह्ह्ह अजय और तेज़ करो दोनों जगह पे… फाड़ दो मेरी बुर को अपने हाथों से।
तभी मैंने 3 उंगलियाँ डाल दी बुर में, आः आःह्ह्ह इससे बहुत टाइट हो गई बुर। अब मैं हाथ से बुर को और लंड से गांड को पेल रहा था।
इतनी चुदाई के बाद भाभी झड़ने लगी, मेरा पूरा पंजा भीग गया भाभी के कामरस से, मैंने अपना हाथ निकल के भाभी के मुँह पर लगया तो वो अपना ही बुर का पानी चाटने लगी, पूरी तरह से वो पागल हो गई थी- आअह्ह आआह्ह!

अब मैंने अपना लंड उनकी गांड से निकाला और खुद बेड पर आ गया, भाभी मेरे ऊपर आ गई मेरे लंड के ऊपर, अपने दोनों पैर मेरे कमर के अगल बगल रख के अपने गांड के छेद को मेरे लंड पर टिका दिया, खुद ही धीरे धीरे अंदर करने लगी।
आअह्ह आःह्ह क्या हसीं नज़ारा था, मैं अपने लंड को एक हसीना के मदहोश कर देने वाली गांड में जाते देख रहा था।
काश समय यही रुक जाता।

अब भाभी मेरे लंड को अपनी गांड में डाल चुकी थी, चेहरा उनका बिल्कुल लाल हो गया था, क्या लग रही थी!
मैं भाभी की कमर पकड़ के नीचे से हल्का धक्का देने लगा, ऊपर से भाभी अपने चूतड़ ऊपर नीचे कर के मुझे चोदने लगी।
उनके ऊपर नीचे होने से उनकी बड़ी बड़ी चूचियाँ उछलने लगी, क्या सुन्दर लग रही थी।

मैंने चूची को पकड़ के मसलना चालू किया और नीचे से गांड उठा उठा कर भाभी के गांड को चोदे जा रहा था।
आअह्ह्ह आःह्ह्ह आह्ह्ह… मस्त मज़ा आ रहा था।
अब मैंने भाभी की बुर को भी सहलाना चालू कर दिया था, एक हाथ से चूची मसल रहा रहा था, एक हाथ से बुर सहला रहा था।

भाभी पूरे जोश में मुझे चोदे जा रही थी और बोले जा रही थी- अजय आज से मैं तुम्हारी हूँ, जब चाहे मुझे चोदना आह… आआह्हह ह्हह्ह आआह्ह्हह… बस मुझे अपने से दूर मत करना।
कहते कहते भाभी ने अपने धक्कों की स्पीड और बढ़ा दी।

अब लग रहा था कि मेरा निकलने वाला है तो भाभी को रोक दिया और उतरने का इशारा किया।
उन्होंने पूछा- क्यूँ?
तो मैंने कहा- नहीं रूकती तो मेरा पानी तुम्हारी गांड भर देता और मैं अभी निकालना नहीं चाहता पानी अपना।
थोड़ी देर रुकने के बाद। भाबी को नीचे पेट के बाल लेटा दिया। और मैं उनके ऊपर आ गया।
और गांड को फैला के लंड रख दिया। अब एक ही झटके में पूरा लंड पेल दिया उनकी गांड में।
‘आअह्ह्ह…’ भाभी चिल्लाई।
पर मैं अब कहाँ रुकने वाला था, पूरा बॉडी उनके पीठ पर रख के उनके गांड चोदने लगा।

भाभी भी कहने लगी- अजय आज गांड मरवाने की सारी तम्मना पूरी हो गई। आअह्ह्ह आःह्ह्ह चोदो और ज़ोर से… आआह्ह आःह्ह्ह
मैं भी पूरा ज़ोर लगा के चोदने लगा- आःह्ह्ह्ह्ह आःह्ह!

थोड़ी देर ऐसे चोदने के बाद भाभी को घोड़ी बनाया, अब मेरा मन भाभी का बुर पेलने का होने लगा था, आअह्ह ह्हह क्या लग रही थी भाभी की गांड, गांड का छेद खुल चुका था। अब मैंने थोड़ा थूक लगा के उनकी गांड पर अपना लंड पेल दिया जड़ तक।

‘आअह्हह्ह आह्हह्ह…’ बहुत मज़ा आने लगा था अब मुझे भी। लग रहा था हर शॉट पर कि अब झड़ जाऊँगा, फिर भी काबू में किये हुए था, हर धक्के पर भाभी के चूचे मस्त झूल रहे थे। मैं उनकी कमर पकड़ के चोदे जा रहा था और बुर को सहला रहा था जो फिर से अब बहुत पानी छोड़ रही थी।
तभी मैंने अपना लंड गांड से निकाल कर बुर पर रखा, बुर ने बहुत पानी छोड़ा था तो लंड का सुपारा गीला हो गया, लंड से चूत को रगड़ने लगा तो भाभी चिल्लाने लगी- मत तड़पाओ जान, पेल दो, गांड मरवा के बुर में आग लग गई है। चोद दो मुझे रात जैसे, दे दो मुझे पूरा मज़ा… आआह्ह्हह…

मैंने भी देर न करते हुए भाभी का कमर पकड़ा और एक बार में ही पूरा लंड अंदर पेल दिया।
भाभी के मुख से एक सिसकारी निकली मज़े वाली ‘आः आःह्ह्ह आःह्ह्ह…’
भाभी ज़ोर ज़ोर से बके जा रही थी- फाड़ो चूत को… पूरी तरह से करो… पूरा चोदो… मस्त लंड है अजय तम्हारा। तुम्हारे जैसा कोई नहीं चोदता है। तुम मेरे हीरो हो। आज मुझे जन्नत दे रहे हो जान तुम। और तेज़ अज्जु बेटा और तेज़ बेटा। मेरी जान हो तुम अज्जु आआहह्हह्ह आअह्हह्हह…

ऐसा लग रहा था कि अब भाभी कभी भी झड़ सकती है और मैं भी तेज़ से किये जा रहा था, लगातार चोदने से मेरी भी हालत ख़राब थी, अब लग रहा था कि मेरा भी लंड कभी भी पानी छोड़ देगा।
तभी भाभी चिल्लाई ज़ोर से- मैं आ रही हूँ आःह्ह्ह आअह्ह्ह अज्जु कस के चोदो।

तभी मैं भी झड़ने लगा।
हम दोनों साथ में ही झड़े थे ‘आआह्हह आआह आअह्ह आअह्हह…’
मेरा लंड ने अंदर ही झटके मार मार कर अंतिम बून्द तक अपना पानी गिरा दिया, चूत से हम दोनों का मिला हुआ पानी बाहर आने लगा।
हम दोनों ने बहुत रिलैक्स महसूस किया, बाथरूम में जाकर अपना लंड धोया और साथ में भाभी की बुर और गांड भी मैंने ही धोई।
हम लोग थोड़ी देर ऐसे ही चिपक के बैठे रहे, फिर भाभी मेरे गोद में सर रख के लेट गई।

दोस्तो, सेक्स के बाद हमेशा थोड़ी देर पार्टनर के साथ चुपचाप लेटना चाहिए, इससे उसको बहुत अपनापन लगता है।
तो ऐसे ही लेट के हम लोग बाते करने लगे, मैं भाभी के सर को सहला रहा था, वो मेरे सीने पर हाथ फेर रही थी।
मैंने पूछा- कैसा लगा?
तो बोली- बता नहीं सकती कि कितना अच्छा लगा। तुमसे 2 ही बार चुदवा के ऐसा लगा कि जैसे 20 साल पहले की बात हो। आज फिर उसी जोश से चुदवाया।

मैंने कहा- क्यूँ ऐसा, भैया ऐसा नहीं करते क्या?
तो बोली- तुम सबसे अच्छा सेक्स करते हो। कैसे करना है, तुम्हें पता है कैसे औरतों को उतेजित करते हैं, फिर कैसे शांत करते हैं बड़े अच्छे से जानते हो।
मैंने कहा- बस मैं आपका ख्याल रखता हूँ और कुछ नहीं।
तो बोली- बस ऐसे ही ख्याल रखना मेरा!
मैंने कहा- हाँ रखूँगा।

अब तक 3.30 बज गए थे।
थोड़ी देर बाद ने हम दोनों एक दूसरे को कपड़े पहनाये, चूमा, एक फिर भाभी रात में आने का वादा करके चली गई।

तो दोस्तो, कैसी लगी रेनू भाभी के गांड मारने की कहानी? आगे की कहानी अगली बार।
प्लीज मेल करके हौंसला- अफजाई करियेगा ताकि आगे भी लिखने के लिए प्रेरित हो सकूँ।

प्रेषक : अजय
स्थान : रांची
ईमेल : [email protected]



Desi maa Anshu sis kahani Old sex storydidi ko apni sex storiesससुर बहु कि जमकर चुदाई डाँट काँम सटोरी हिडिओ nahane ke bahane bete ko chudai ki kahaniमेरी बहन की antarvasnajeth Ji Ki Rakhle Bani AntarvasnaXxx kahani 70 ki dadi hindi meमां बेटा से हो गई प्रेग्नेंट सेक्स बहुत गंदा रेप स्टोरीAntrvasna tran me baie bhàn cudaeiपडोसन भाभी को पुरी रात चोदा कहानीsamsungfunclubs.com moti aurat ki chut aur gand meri/tag/adult-story/www.xxx ma ke chode jabrjaste bata na aor garvte xnxxuliya/devar-bhabhi-sex-story-%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%9A%E0%A5%82%E0%A4%9A%E0%A5%80-%E0%A4%9A%E0%A5%82%E0%A4%B8-%E0%A4%9A%E0%A5%82%E0%A4%B8%E0%A4%95%E0%A4%B0/सेकस सटोरीkisan ki bibi cudai kahani desiSasur or bahu ki sex story layricसास की चेदाई टैन मेसुहाग रात पतिने चोदे पटाने कोoldest sex kahaniसगी बहेन की डिल्डो से चुदाई सैक्सी स्टोरी.कोम bus sex stories hindiसेकसी कहानी माँ बेटा कीदोसत कि बहेन चुदाइ करवाइ गोवा मे सेकसि.कामmaa ki mota bur me kala lund handi khanhpsex story hindi maa ko maa banaya papa ke chupa keBETA MOTA LAND XXX KAHANI MOOM HINDIMom n makup kiya fir sex k liye mujhe patayaAnju ने अपने भाई को चुत दीAmmi ko ghar main chodi hindi kahaniJijasalisexykahaniya चोदने वाली XXXBE कहानी टिप फोटो के साथAai,mulga,bap,mulgi rajshrma marathi sex storychut sex kahaniBadi di ki chudai kahani hindiस्टूडेंट की बुर को छठा स्टोरीमामा से चुदाई की कहानीsex story business ke bahanebhahin bhau sex video maratiदिवाली की रात चाची सोदा sex storyMa beta sxe "khneya"Aai Chi gand martana pahile Marathi kathaदोस्त की मा को बोला मुझे आप का दुध पिला दो सेक्सी स्टोरीbhabhi chodway sex kahani hindiuncle ne mujhe jabardasti chod diye sex storychote bhai se apne chati se chipak ke sulaya hindi sex kahanikahani girl xxxbhabhi sexy story/%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%88-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%B5%E0%A4%BE-%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%AF/padosane dadi ki khet mein chudai ki sex story in hindiCudai karte pakdasex kahanimadem ki panty sai nikli bal sex storysaas ki chudai kahani/real-story-mother-ki-chudai/बीबी को ब्लैकमेल करके सासु माँ की गांड का भोसडा किया चिल्लाती तडपती रही चुदाई कहानीचुत.की.कहानीnounveg storv in hindi laricstution teacher ki chudai sex storyअकेले बाथरुम बुलाके लड लीgirl k chod pina chahey ke nahe hindi storimene sasur g se chudwaya pati smjkraaj.ka.taja.chodai.khaniBete ne ma ko cooda hinde cuhdae kahane mechinar beti ko choda sex storyचूत कहानी/dost-ki-ma-ki-chudai/Nurse ne lund chusa sex storymummy ne chudwayaunkel ma ka fuking story hindiजोती की चूतdaru pi ma son chudai storymom ke pet ki malis kamukta.comwww.musi ko naga dekh to zaberdasty chod diya read storieshot garam sasu mom and papa sexy kahaniचाचा चाची की चुत शायरीChodne wala sache kisse kahaniपति पत्नीचुदाई कक्khubtej pelam peloral sex story in hindisagi maa ko chodkar pregnant kiya hindi storyभाभी की पेलमपेल कहानीTrain me porn kahani aur photo